दमोह में वन माफिया के द्वारा अनोखे तरीके से सागोन की तस्करी की जा रही है। जिले की सबसे बड़ी व्यारमा नदी में सागौन की लकड़ी को बहाते हुए माफिया ले जा रहे थे, जिसे वन विभाग ने जब्त कर लिया है। हालांकि आरोपी नहीं पकड़े गए जिनकी तलाश की जा रही है।
दमोह जिले के वन परिक्षेत्र सगौनी अंतर्गत रेंजर अखलेश चौरसिया को मुखबिर से सूचना मिली थी कि बर्रट के पास मेहगुवा गांव में कुछ लोग सागौन के बड़े-बड़े लट्ठों को रस्सी से बांधकर व्यारमा नदी से बहाकर 15 किमी दूर तक ले जा रहे हैं। सूचना प्राप्त होने पर डीएफओ एमएस उइके को सूचना दी गई और उनके निर्देश पर टीम गठित कर वनकर्मी नदी के पास पहुंचे। जहां मौके से सागौन के छह लट्ठे जब्त किए गए, जिसे वन चौकी सलैया में रखा गया है। बर्रट्ट, जोगी डाबर, ग्वारी और मादो गांव में आरोपियों की तलाश की जा रही है। कुछ लकड़ी दो से तीन महीने पुरानी बताई जा रही है और कुछ लगभग पांच दिन पुरानी कटी हुई लग रही है। अभी अज्ञात आरोपियों के खिलाफ भारतीय वन अधिनयम के तहत मामला दर्ज करके जांच में लिया गया है। लकड़ी की कीमत दो से तीन लाख रुपये तक बताई जा रही है।
बताया जा रहा है की सागौनी रेंज अंतर्गत जोगी डाबर, सलैया, कोटा के जंगलों में दिन के समय सागौन की कटाई की जा रही है और शाम के समय कटे हुए पेड़ के लट्ठे रस्सी से बांधकर नदी में बहा दिए जाते हैं और जहां घाट की ऊंचाई कम होती है वहां इस लकड़ी को उठवा लिया जाता है। इस कर्रवाई में सगौनी परिक्षेत्र अधिकारी अखिलेश चौरसिया के साथ अन्य वनकर्मी शामिल रहे। दमोह डीएफओ एमएस उइके ने बताया कि व्यारमा नदी में सागौन की लकड़ी बहाकर लाई जा रही थी, जिसे मुखबिर की सूचना पर पकड़ा है और आरोपियों की तलाश की जा रही है।