डिंडौरी जिले में एक से बढ़कर एक जलप्रपात हैं, जिनकी खूबसूरती बारिश के दिनों में देखते ही बनती है। ऐसा ही एक जलप्रपात हैं जिसे देखने के बाद आप खुद को रोक नहीं पाएंगे। घने जंगलों के बीच स्थित इस मनमोहक जलप्रपात तक पहुंचने के लिए करीब दो किलोमीटर का सफर पैदल तय करना पड़ता है। यहां जलप्रपात डिंडौरी जिला मुख्यालय से करीब 70 किलोमीटर दूर करंजिया विकासखंड क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत उमरिया के पोषक ग्राम ददरगांव के पास घने जंगलों के बीच स्थित है जिसे शिवनार के नाम से जाना जाता है।
यहां झरने का पानी करीब 50 फ़ीट की ऊंचाई से जब नीचे गिरता है तो नजारा बेहद ही रोमांचकारी होता है। साथ ही इस जलप्रपात की मनमोहक आवाज हर समय जंगल में गूंजते रहती है। जलप्रपात के नीचे काफी प्राचीन गुफा है, जहां भगवान शिव का एक छोटा सा मंदिर मौजूद है। महाशिवरात्रि के दिन यहां मेला लगता है, जहां आसपास के ग्रामों से श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। लोगों की यह भी मान्यता है कि इस जलप्रपात के पानी से स्नान करने में चर्मरोग दूर हो जाते हैं।
कुदरत की इस धरोहर को संरक्षित करने के लिए जिले के जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों के द्वारा किसी प्रकार की पहल तक नहीं की गई है। शिवनार जैसे डिंडौरी जिले में अनेक जलप्रपात हैं, जहां पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। यदि ऐसे स्थानों को चिन्हित करके पर्यटन के क्षेत्र में विकसित किया जाता है, तो कुदरत की इन धरोहरों को सहेजा और संवारा जा सकता है, शिवनार के अलावा डिंडौरी जिले में नेवसा, देवनाला एवं किकरकुंड जैसे कई जलप्रपात हैं, जिसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा सकता है, लेकिन अब तक किसी भी जिम्मेदार अफसर एवं जनप्रतिनिधियों ने इनकी सुध नहीं ली है।