देश फुकुशिमा परमाणु संयंत्र से उपचारित रेडियोधर्मी अपशिष्ट जल को समुद्र में कल से छोड़ना शुरू करेगा। यह घोषणा मंगलवार को जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने की। बता दें, यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है, जब स्थानीय मछुआरों के बीच चिंता बनी हुई है। साथ ही चीन लगातार विरोध कर रहा है।मंगलवार की सुबह एक मंत्रिस्तरीय बैठक हुई थी, जिसमें यह निर्णय लिया गया है।
दरअसल, साल 2011 में आए भीषण भूकंप और सुनामी के बाद से साइट पर बड़ी मात्रा में पानी जमा है। साल 2021 में तत्कालीन पीएम योशीहिदे सुगा ने प्रशांत महासागर में पानी छोड़ने की मंजूरी दी थी। वहीं, वर्तमान प्रशासन ने जनवरी में घोषणा की थी कि योजना वसंत से गर्मी के बीच किसी समय लागू की जाएगी।
इससे पहले, जुलाई में अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) ने बताया था कि जापान की योजना वैश्विक सुरक्षा मानकों के अनुरूप है और इसका लोगों और पर्यावरण पर ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा। इसके बाद ही सरकार ने फैसला लिया कि पानी छोड़ा जा सकता है। जबकि कई यूरोपीय देशों ने जापानी भोजन पर आयात प्रतिबंधों में ढील दी है, वहीं, चीन ने अपने पड़ोसी के समुद्री खाद्य निर्यात पर परीक्षण शुरू किया है।